भारत के प्रत्येक राज्य में रह रहे प्रवासियों (परप्रांतीयो) की गणना अलग से हो और प्रत्येक राज्य में प्रवासी सहायता केंद्र बने क्योंकि ऐसा लगता है किसी भी राज्य के मुख्यमंत्री जी से यह सवाल किया जाए की आपके राज्य में कितने प्रवासी रहते है तो राज्य सरकार को जवाब देना मुश्किल होगा जबकी इन्ही प्रवासियों (परप्रांतीयो) जैसे पूर्वांचली, उत्तरांचली, आसामी, ओडिया, मणिपुरी, अरुणांचली, कर्णाटक इत्यादि प्रदेश के नागरिको के सहयोग से राज्य सरकार व देश का विकास होता है और राज्य की सरकार बनती है जिसका नतीजा साफ़-साफ़ दिख रहा है | यदि हम भारतवासी या भारतीय नागरिक हैं तो माइग्रेशन व डोमिसाइल की जरुरत क्या है और यदि जरुरत है तो प्रवासियों (परप्रांतीयो) की गणना पूरी क्यों नहीं हैं |