भारतीय मूल के प्रत्येक प्रवासी (परप्रांतीय) / अप्रवासी की सुरक्षा, सम्मान व समान अधिकार की चिन्ता के साथ उन प्रवासियों / अप्रवासियों के परिजनों को एक दूसरे से मिलाना जिनका परिवार विदेशो में भारतीय तो हैं पर भारत देश में उनका परिवार कौन है उनकी सम्पति कहा है / तथा उन पर हो रहे अत्याचारों के लिए भारत देश के प्रवासी मंत्रालय से सहायता के लिए आवाज उठाना, और खास तौर से अत्यधिक संख्या में रह रहे पूर्वांचली, उत्तरांचली, आसामी, ओडिया, मणिपुरी, अरुणांचली, कर्णाटक इत्यादि प्रदेश के प्रवासियों / अप्रवासियों के लिए, शिक्षा, धार्मिक, सांस्कृतिक, सामाजिक सहयोग करना एवं उन्हे रोजगार दिलाना व् भारत देश के प्रत्येक गरीब मजदूर व्यक्ति का उत्थान करना |
इसलिए आज भारतीय प्रवासी परिषद् का गठन कर जातिवाद व् प्रांतवाद के भेदभाव को खत्म कर देश की संस्कृति, अखंडता, परम्परा “अतिथि देवो भवः” और वासी + प्रवासी + अप्रवासी की एकता तथा भाईचारे को मजबूत करने का प्रयास प्रत्येक देश – प्रदेश में किया जा रहा है |